भारत के इतिहास में घटित हुई सात (7) प्रमुख प्राकृतिक आपदाएं 2020 | gkgstips

प्राकृतिक आपदाएं जो कि अत्यंत भयावह एवं खतरनाक होती है। यह आपदाएं जहां भी आती है उस क्षेत्र को, मानव जीवन एवं संसाधन  को, जानवरों को तहस - नहस कर देती हैं जिससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। 



ये लगभग सभी प्राकृतिक आपदाएं मानव की गतिविधियों के कारण ही आती हैं , मानव प्रकृति के साथ खिलवाड़ करता है उन्ही सब वजहों से ज्यादातर आपदाएं आती हैं। किन्तु कुछ आपदाएं स्वयं आती हैं जिनमे मानव जाति की कोई भूमिका नहीं  है। 


       आज हम जानेंगे भारत के इतिहास में घटित हुई सात प्रमुख प्राकृतिक आपदायें जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं तो आइये जानते हैं - gkgstips 


प्राकृतिक आपदाएं क्या क्या हैं  ?  
प्राकृतिक आपदाएं निम्नलिखित हैं-
जैसे - ज्वालामुखी, भूकम्प, बाढ़, सूखा, तूफान, सुनामी,चक्रवात आदि 


1 - हिन्द महासागर सुनामी -: 

वर्ष - 2004

आपदा से होने वाली मृत्यु की संख्या - 2.30 लाख

यह सुनामी सबसे घातक थी जो इंडोनेशिया के सुमात्रा के पश्चिमी तट पर से शुरुआत हुई थी । इस सुनामी ने 12 देशों को प्रभावित किया था।
इस सुनामी की तीव्रता 9.1 से 9.3 के बीच थी और यह लगभग 10 मिनट तक अपना कहर ढाती रही ।

प्रभावित क्षेत्र - अंडमान निकोबार द्वीप समूह और दक्षिणी भारत, इंडोनेशिया, श्री लंका, लक्षद्वीप समूह आदि


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2 - गुजरात भूकंप -:     

वर्ष - 2001 
 
आपदा से होने वाली मृत्यु की संख्या - 20,000 
घायलों  संख्या - 167,000
बेघर हुए लोग - 400,000   

 यह भूकंप भारत देश में  26 जनवरी, 2001 को  51 वें  गणतंत्र दिवस पर आया था। इस भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.6 से 7.9 तक मापी गयी थी तथा यह भूकंप 120 सेकण्ड तक रहा था। जिससे काफी भारी मात्रा में नुकसान हुआ था। इस भूकंप ने गुजरात के कई क्षेत्रों को प्रभावित किया था।

प्रभावित क्षेत्र - कच्छ, अहमदाबाद, भुज, गाँधीनगर, सूरत, राजकोट, जामनगर आदि



3 - कश्मीर बाढ़ आपदा -:

वर्ष - 2014

आपदा से होने वाली मृत्यु की संख्या - 550 से अधिक

 कश्मीर में 2014 के सितंबर माह में लगातार मूसलाधार वर्षा के कारण झेलम नदी में पानी बढ़ता जा रहा था अत्यधिक पानी भरने के कारण झेलम नदी में बाढ़ आ गया जिससे उस नदी के संपर्क में तथा उसके नदी के क्षेत्र के आसपास इलाकों में पानी घुस गया था भारतीय सेना ने क्षेत्र में फंसे हुए बहुत से निवासियों की मदद की थी तथा उन को सुरक्षित वहां से बाहर निकाला था इस बार बाढ़ में लगभग 550 लोगों ने अपनी जान गवाई थी तथा लगभग और लगभग 500 करोड़ से 600 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ था

प्रभावित क्षेत्र - राजौरी, श्रीनगर, बांदीपुर आदि



4 - बिहार बाढ़ आपदा -:

वर्ष - 2007

आपदा से होने वाली मृत्यु की संख्या - 1287 लोग तथा हजारों पशुओं की जान
बेघर हुए लोग - 29,000
घर नष्ट हुआ - 44,000

पाँच गुना अधिक वर्षा इस बाढ़ का कारण बना था। संयुक्त  राष्ट्र द्वारा बिहार के इस बार हफ्ता को जीवन स्मृति में सबसे खराब बाढ़ के रूप में वर्णित किया है इस बालक आपदा का कहर बिहार के 19 जिलों पर पड़ा था|  इस बाढ़ आपदा से बिहार राज्य में लगभग 10 मिलियन लोगों का को प्रभावित किया था इसमें लगभग 4822 गांव और  एक करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो गई थी

प्रभावित क्षेत्र - पटना, भागलपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, सहरसा, सीतामढ़ी, सुपौल, मुजफ्फरपुर आदि



5 -  उत्तराखंड फ़्लैश बाढ़ -:

वर्ष - 2013

आपदा से होने वाली मृत्यु की संख्या - 5700 से अधिक

 भारत के इतिहास में सबसे विनाशकारी बाढ़ों में से एक बाढ़ उत्तराखंड फ्लैश बाढ़ है। 2013 के जून माह में भारी वर्षा के कारण उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ। यह भूस्खलन लगातार तीन दिन तक जारी रहा जिसमें लगभग एक लाख से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ मंदिर में फंस गए थे।  इस बाढ़ ने 12 जिलों को प्रभावित किया था जिसमें 4 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे

प्रभावित क्षेत्र - रुद्रपयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़



6 - बंगाल अकाल आपदा

वर्ष - 1770

आपदा से होने वाली मृत्यु की संख्या - एक करोड़ लगभग

नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन इस बंगाल के अकाल को मानव निर्मित आपदा बताते हैं यह आपदा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की शोषणकारी नीतियों और सूखा पड़ने के कारण हुआ था । यह आपदा 1769 में एक असफल मानसून के रूप में शुरू हुआ था और जो लगातार दो सीजन तक जारी रहा था  1971 1973 के दौरान भूख के कारण  10 मिलियन लोगों की मृत्यु हो गई थी।

प्रभावित क्षेत्र - पश्चिम बंगाल, बिहार ( चंपारण, बेतिया और तिरहुत), ओडिशा और बांग्लादेश



7  - ओडिशा सुपर साइक्लोन  आपदा

वर्ष - 1999 

आपदा से होने वाली मृत्यु की संख्या - 15,000 से अधिक
बेघर हुए लोग - 1.6 मिलियन लोग
घर नष्ट हुआ - 2.75 लाख से अधिक

उत्तर हिंद महासागर में यह सबसे खतरनाक उष्णकटिबंधीय चक्रवात था इस चक्रवात ने ना केवल भारत को बल्कि बांग्लादेश थाईलैंड और म्यांमार को भी प्रभावित किया था। इस चक्रवात की गति 260 किलोमीटर प्रति घंटा थी।

प्रभावित क्षेत्र - जगतसिंहपुर, गंजम और पुरी, केंदपाड़ा, बालासोर आदि




1 Comments

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