वन्य जीव सरंक्षण -:
जानवरों एवं पक्षियों का संरक्षण करने के लिए राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभ्यारण्य बनाया गया है इसके जरिए सभी जीवों को एक सुरक्षित स्थान में रखा जाता है तथा उनकी सुरक्षा की जाती है।भारत मे कुल 112 राष्ट्रीय उद्यान तथा 515 वन्य जीव अभ्यारण्य बनायें गए है। भारत के मध्यप्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान उपस्थित हैं, जिनकी संख्या 11 है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सबसे अधिक राष्ट्रीय पार्क तथा 94 वन्य जीव अभ्यारण्य उपस्थित हैं।
उत्तराखंड में उपस्थित जिम-कार्बेट भारत का प्रथम राष्ट्रीय पार्क है।
Read More >> भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभ्यारण्य
हमारे देश मे कई जानवर विलुप्त हो गए है। लोग उनको मार देते है या उनके रहने का स्थान अर्थात जंगल का विनाश कर रहे हैं जिससे जानवरों को रहने के लिए जगह नही मिल जाती है और वे समाप्त हो जाते है।
हमारे देश के डायनासोर अब बिलुप्त हो चुके है अन्य बाकी जानवरों को बचाने के लिए ही वन्य जीव तथा वन्य जीव अभ्यारण्य बनाये गए है।
सन् 2010 के बाद से लगभग 30% बाघों की बढ़ोत्तरी सन् 2014 तक हुई है।
इन सभी जीवों को बचाने के लिए कई प्रकार की रिज़र्व तथा परियोजनाएं चलाई जाती है। जिसमे मुख्य रूप से विलुप्त हो रहे जानवरों एवं पक्षियों की सुरक्षा की जाती है। इन जीवों को हानि पहुंचाने एवं मारने पर कठोर दंड का भी प्रावधान किया गया है। इसमें कई प्रकार की धाराएं लगती हैं।
हमारे भारत देश मे काफी जानवर एवं पक्षी कम होते चले जा रहे हैं।
जैसे- शेर, बाघ, चीता, चील, गिद्ध, पहाड़ी बकरी आदि
इन्हीं जानवरों एवं पक्षियों को बचाये रखने हेतु वन्यजीव सरंक्षण किया जाता है। इससे पर्यावरण को भी लाभ होता है। इस जीवों का सरंक्षण करने से हमारी आगे आने वाली पीढ़ी इन जीवों को देख पाएगी एवं उनके बारे में अध्ययन कर पायेगी।
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हमारे देश मे कई जानवर विलुप्त हो गए है। लोग उनको मार देते है या उनके रहने का स्थान अर्थात जंगल का विनाश कर रहे हैं जिससे जानवरों को रहने के लिए जगह नही मिल जाती है और वे समाप्त हो जाते है।
हमारे देश के डायनासोर अब बिलुप्त हो चुके है अन्य बाकी जानवरों को बचाने के लिए ही वन्य जीव तथा वन्य जीव अभ्यारण्य बनाये गए है।
सन् 2010 के बाद से लगभग 30% बाघों की बढ़ोत्तरी सन् 2014 तक हुई है।
इन सभी जीवों को बचाने के लिए कई प्रकार की रिज़र्व तथा परियोजनाएं चलाई जाती है। जिसमे मुख्य रूप से विलुप्त हो रहे जानवरों एवं पक्षियों की सुरक्षा की जाती है। इन जीवों को हानि पहुंचाने एवं मारने पर कठोर दंड का भी प्रावधान किया गया है। इसमें कई प्रकार की धाराएं लगती हैं।
हमारे भारत देश मे काफी जानवर एवं पक्षी कम होते चले जा रहे हैं।
जैसे- शेर, बाघ, चीता, चील, गिद्ध, पहाड़ी बकरी आदि
इन्हीं जानवरों एवं पक्षियों को बचाये रखने हेतु वन्यजीव सरंक्षण किया जाता है। इससे पर्यावरण को भी लाभ होता है। इस जीवों का सरंक्षण करने से हमारी आगे आने वाली पीढ़ी इन जीवों को देख पाएगी एवं उनके बारे में अध्ययन कर पायेगी।
बहुत अच्छी जानकारी
ReplyDeleteधन्यवाद!
DeleteNice
ReplyDeleteजानकारी अच्छी है। ऐसी ही जानकारी देते रहो। धन्यवाद 👌👌
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